Digvijaya Singh
MENU

08 अप्रैल 1983 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा-तवा बॉध की नहरों से पानी न दिया जाना

08 अप्रैल 1983  ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा-तवा बॉध की नहरों से पानी न दिया जाना

(41) दिनांक 08.04.1983

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा-तवा बॉध की नहरों से पानी न दिया जाना।

                श्री विनय दुबे : मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-

                1 अप्रैल, 83 से तवा बांध की बांयी एवं बायीं मध्य नहर से पानी देना बन्द कर दिया गया है जिसके कारण ..... किसानों को उनकी हजारों एकड़ भूमि में बोयी हुई फसलों के नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। सैकड़ों किसानों की जिन्होंने रबी की फसलें देरी से बोयी थीं उन्हें फसलों को दिये जाने वाला आखिरी पानी नहीं मिल रहा हैं। फसले पानी के अभाव में सूख रही हैं। इसके साथ ही गर्मी की फसलों, खरीफ की फसलों एवं गन्ने की फसलों के लिए सैकड़ों किसानों के साथ वर्ष 83-84 में पानी देने का सिचाई विभाग (तवा परियोजना) द्वारा अनुबंध किया गया है। पैसे जमा कराये हैं, .... एवं गर्मी की जो फसलें बोयी गयी हैं पानी नहीं मिलने से हजारों एकड़ भूमि की फसलें नष्ट हो गयी हैं। किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। पानी देना इसलिए बन्द कर दिया गया है कि मुख्य नहरों की सफाई एवं रिपेरिंग करना है। वहीं तवा बांध में चार इमरजेंसी गेट जाम हो गये जो खुल नहीं रहे हैं तथा मुख्य नहरें (दायी और बाई) के पानी छोड़ने वाले गेट बन्द नहीं हो रहे हैं जिसके कारण मुख्य नहरों में पानी अपनी क्षमता से ज्यादा भरा है। जब तक गेट बन्द नहीं होते पानी मुख्य नहरों में जाना बन्द नहीं होगा। वहीं सब माइनरों में पानी देना बन्द कर दिया गया है। इससे मुख्य नहरों के फूटने के साथ-साथ बांध के क्षतिग्रस्त होने की आशंका व्याप्त हो गयी है। सिंचाई विभाग की इस अविवेकपूर्ण कार्यवाही से होशंगाबाद जिले के हजारों किसानों में रोष एवं भय व्याप्त हैं।

                सिंचाई मंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : तवा बांध की बायी एवं दायी नहरों से रबी के लिये किये गये अनुबंध के लिये पूरा पानी दिया जा चुका है। अनुबंधित रबी की फसल के लिये अब पानी देने की आवश्यकता नहीं है। रबी के लिये जो पानी दिया गया है उसकी अन्तिम तिथि 2-4-83 है।

                तवा नहरों के रखरखाव के लिये समय निकालना था, अतः यह तय किया गया था कि गर्मियों में फसल के लिये कोई पानी नहीं दिया जाय। इस संबंध में उपरोक्त निर्णय दिनांक 17-3-83 को तवा आयाकट कमिश्नर, कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था। उपरोक्त निर्णय के पश्चात कार्यपालन यंत्री, तवा बांध क्रमांक 3 इटारसी द्वारा उनके पत्र क्रमांक 1456/कार्य/दिनांक 19-3-83 के द्वारा सभी संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सूचना भेज दी गई थी। तवा आयाकट कमिश्नर द्वारा भी इस विषय के संबंध में सभी विभागों को सूचना दे दी गयी थी। अतः गर्मी में खरीफ या गन्ने की फसल के लिये वर्ष 83, 84 के लिये कोई अनुबंध नहीं किया गया है और न ही किसी कृषक से इस कार्य हेतु पेसा जमा करवाया गया है। गन्ने को पानी 95 एकड़ भूमि में देने के लिये जो अनुबंध किया गया, वह केवल रबी मौसम सिंचाई वर्ष 82-83 के लिये किया गया था जिसका समय 31-3-83 को समाप्त हो चुका है। इस अवधि में पानी दिया जा चुका है। बायीं तट नहर के इन्टेक में 4 इमरजेंसी गेट बनाये जाना है जिसमें से बैरल नं॰ 1 का गेट लगाया गया था किन्तु वह बैरल में फंस गया है। तीन इमरजेंसी गेट अभी तक नहीं लगाये जा सके हैं। एक सर्विस गेट भी बैरल में फंसा हुआ है। इस तरह कुल 4 बैरल में से 2 बैरल के द्वारा ही पानी सिंचाई के लिये जा रहा था।

                उक्त दो गेट जिनसे पानी दिया जा रहा था के पूर्ण रूप से बंद न होने के कारण मरमत कार्य आवश्यक है। जब तक सुधार कार्य पूरा न हो तब तक नहर की क्षमता से बहुत कम पानी मुख्य नहर में चल रहा है परन्तु इससे मुख्य नहर के फूटने की एवं बांध के क्षतिग्रस्त होने की कोई संभावना नहीं है। चूंकि सभी सरपंचों तथा विभागों को 19-3-83 को सूचना दे दी गई है कि गर्मियों में सिंचाई के लिये कोई पानी नहीं दिया जायेगा। अतः किसानों में रोष होने का कोई कारण नहीं है।