Digvijaya Singh
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24 दिसम्बर 1993 नये विधानसभा अध्यक्ष के चयन पर बधाई उद्बोधन

24 दिसम्बर 1993 नये विधानसभा अध्यक्ष के चयन पर बधाई उद्बोधन

दिनांक 24.12.1993

नये विधानसभा अध्यक्ष के चयन पर बधाई उद्बोधन।

                (अध्यक्ष महोदय) श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी (पीठासीन हुए)

                मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश की नई विधान सभा की शुरूआत एक अच्छे वातावरण में हुई। यहां सदन के सभी सदस्यों ने मिलकर एक ऐसे व्यक्ति को सर्वसम्मति से अध्यक्ष पर के लिए चुना है, जिसका राजनैतिक जीवन विन्धय प्रदेश की विधान सभा के सदस्य के रूप में प्रारंभ हुआ, और यदि मेरी जानकारी सही है तो जिस समय ये विधान सभा के लिए चुने गए थे, सबसे कम उम्र के विधानसभा सदस्य थे। लेकिन उनकी कुशाग्र बुद्धि, विधि विधान का उनका ज्ञान ओर गरीबों के लिए उनका संघर्ष, वही से उनकी एक अलग से छवि निखर कर आती रही।

                उनके इस लम्बे राजनैतिक जीवन में अनेक बाधाओं को पार करते हुए वे आज यहां तक पहुंचे हैं। मैं मेरे पक्ष की ओर से उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं। माननीय अध्यक्ष महोदय हमें इस बात का गर्व है कि इस विधान सभा का अध्यक्ष एक ऐसा व्यक्ति हुआ है, जिसको पक लंबा राजनैतिक अनुभव प्राप्त है। विधान सभा की कार्यवाही के संचालन का भी अनुभव है, शासन में बैठकर मंत्री पद का भी अनुभव है। मैं समझता हूं कि आज जब आप इस पद को सुशोभित करने जा रहे हैं, उससे इस विधानसभा की गरिमा और बढ़ेगी। इस प्रदेश की जनता ने जो दायित्व हमारे दल को सौंपा है, मैं आपके माध्यम से सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि विधान सभा में यहां बैठकर जहां, हम उन गरीबों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ा वर्ग व अल्प संख्यकों , के हितों का संरक्षण कहने के लिए जहां पर बैठे हुए हैं और हमारा प्रत्येक कदम, हर नीति उनके आर्थिक उत्थान के लिए ही होगी, उनके सामाजिक न्याय के लिए होगी। मैं इस अवसर पर आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारे इस महायज्ञ में हमारे दल की ओर से आपको पूरा सहयोग मिलेगा और मेरा यह विश्वास है कि आपकी अध्यक्षता में, आपके नेतृत्व में यह विधान सभा आज के राजनैतिक वातावरण में एक ऐसा प्रमाण देगी, जिससे पूरे देश में हमारे प्रदेश की विधान सभा के सफल संचालन की तारीफ होगी। एक बार में पुनः आपको हृदय से बधाई देता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि हमारे दल का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। धन्यवाद।

(मेजों की थपथपाहट)

                श्री विक्रम वर्मा (धार) : माननीय अध्यक्ष महोदय, आज अध्यक्ष की इस आसंदी पर सर्वानुमति से इस सदन ने आपका निर्वाचन करके अपनी गरिमा में और अधिक अभिवृद्धि प्रदान की है। इस दल की अपनी परम्पराएं और मर्यादाएं हैं, जिन्हें आप जानते हैं। क्योंकि इसके पहले भी 1952 में जैसा कि आपके जीवन परिचय में बताया गया है कि विन्ध्य प्रदेश की विधान सभा से आपने अपना संसदीय जीवन प्रारंभ करने के पश्चात् मध्यप्रदेश विधान सभा में अनेक पदों पर, स्थानों पर बैठ कर इस विधानसभा की कार्यवाही के निर्वहन में आपने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1977 से निरंतर मैं भी इस विधान सभा में बराबर आपको सफल भूमिका को देखता रहा हूं, मंत्री के रूप में, विपक्ष के रूप में तथा माननीय उपाध्यक्ष के रूप में भी आपने हमेशा जनभावनाओं का, संसदीय परम्पराओं का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व किया है, विधान सभा का बहुत अच्छे तरीके से संचालन किया है। संसदीय प्रणाली के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने से हम चुने हुए प्रतिनिधि, इस प्रदेश को गौरव, गरिमा देना चाहते हैं, उस हेतु भी आपका योगदान हमें प्राप्त होगा। अध्यक्ष महोदय, हमारे काफी नए साथी यहां चुनकर आए हैं, अनेक वरिष्ठ लोग भी हैं और इसलिए भी अच्छी तरह से विधान सभा निश्चित रूप से चलेगी। मैं अपने दल के साथियों की ओर से आपको इस बात का पूरा विश्वास दिलाता हूं कि हमारी तरफ से आपको पूरा सहयोग, विधान सभा के सफल संचालन हेतु मिलेगा। अध्यक्ष महोदय, जेसी कि परम्परा रहती है कि विपक्ष को आपका भरपूर संरक्षण मिलता है, क्योंकि लोकतन्त्र में विपक्ष की एक अहम भूमिका होती हैं, चूंकि हमारे पास कोई सूचना तंत्र नहीं होताहै कि हमें तुरंत प्रदेश की सूचनाएं मिल सकें, फिर भी जो उपलब्ध सूचनाएं मिलती हैं, इस सदन में उसी के अनुरूप अपनी भावनाएं व्यक्त करने का हम प्रयास करते हैं और उसमें अध्यक्ष महोदय का हमें संरक्षण प्राप्त होता है। अध्यक्ष महोदय, आज जानते हैं कि आपने निन्ध्य प्रदेश की विधान सभा से अपना राजनैतिक जीवन प्रारंभ किया था। विपक्ष के समाजवादी नेता के रूप में डा. राममनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव की जिन भावनाओं के साथ आपको सामन्तवाद से बड़ा संघर्ष करना पड़ा था। अध्यक्ष महोदय, इस सदन में भी ऐसी स्थिति आ सकती है और यह भी आप अच्छी तरह से जानते हैं कि बाहर से आयातित राजा, सामन्त ने पिछड़े आदिवासी, जन जाति के सदस्यों का शोषण करने की सोची तो हमारे द्वारा उनके खिलाफ जो कुछ संघर्ष प्रारंभ हो सकता हैं, इसमें आपका भरपूर संरक्षण हमें मिलेगा, ऐसी मेरी अपेक्षा है। मेरे दल की ओर से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं आप इस पद पर सुशोभित हुए, आपका पूरा संरक्षण हमको मिलता रहेगा, अनेक शुभकामनाओं के साथ।

        मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : आदरणीय अध्यक्ष महोदय, मैं प्रोटेम स्पीकर श्री रामकिशोर शुक्ल जी के प्रति भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कि अपना दायित्व अच्छी तरह निर्वहन किया। वह भी एक बहुत पुराने अभुभवी राजनीतिज्ञ हैं और उन्होंने भी अपना राजनीतिक जीवन आप ही के साथ प्रारंभ किया था, मैं उनके प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं।

     श्री दाऊराम रत्नाकर (पामगढ़) : माननीय अध्यक्ष महोदय, आज इस सदन में अध्यक्ष का निर्वाचन सर्वानुमति से पक्ष-विपक्ष और जो छोटे दल के सदस्य हैं उन सभी की सहमति से हुआ है और सदन के एक ऐसे सीनियर सदस्य जो काफी लम्बे समय से सदन में चुनकर आते रहे हैं, जब हम पैदा भी नहीं हुए थे, तब से चुनकर आ रहे हैं। वह काफी अनुभवी हैं और ऐसे माननीय सदस्य को इस सदन ने सर्वानुमति से अध्यक्ष पद के लिए चुना है। मैं माननीय अध्यक्ष महोदय को अपने दल की ओर से बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि जो भी छोटे दल सू सदस्य हैं और जो हमारे कम्युनिस्ट पार्टी के, जनता दल के बहुजन समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं, इन सबकों आपका संरक्षण मिलता रहेगा। इन्ही शब्दों के साथ मैं शुभकामनाओं सहित बधाई देता हूं।