Digvijaya Singh
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वर्ष 1978-79 की अनुपूरक मांगों पर मतदान

वर्ष 1978-79 की अनुपूरक मांगों पर मतदान

दिनांक 04.09.1978


श्री दिग्विजय सिंह :

उपाध्यक्ष महोदय, यह बहुत बड़ी विडम्बना है कि आज युवा जनता बाहर नारे लगा रही है, वादे पूरे करो, बाहर प्रदर्शन कर रहे है। वे युवा जनता के लोग प्रदेश के कौने-कौने से यहां पर प्रदर्शन करने के लिए आये और उस युवा शक्ति के पेरेन्टस यहां पर बैठे हुये हैं। उनके विरूद्ध ही सारी नारे बाजी हो रही है। यह जनता पार्टी की सरकार अपने चुनावी वायदों को भूल गई है। ऐसा लगता है कि यहां बैठकर जनता पार्टी की सरकार ने सारे चुनावी वायदे तोड़ दिये इसीलिए युवा जनता को इस प्रदर्शन के मार्ग को अपनाना पड़ा है। मैं यहां पर युवा जनता का आवाहन करता हूं कि अगर वास्तव में शासन से वायदे पूरे करवाना चाहते हैं तो हमारे साथ आयें और अपने मतों को प्रयोग करे। हमारे साथ बैठकर सोचें।


उपाध्यक्ष महोदय, जब से जनता पार्टी का शासन आया है और जब श्री सखलेचा मुख्य मन्त्री बने है उन्होंने जनता से किये हुए वायदों को तोड़ने की कसम खाली है। जनता पार्टी ने कहा था कि हम बड़े बड़े बंगलों में नहीं रहेंगे छोटे-छोटे बंगले लेंगे। साजसज्जा पर कम से कम खर्च करेंगे। कार का इस्तेमाल कम करेंगे। हवाई जहाज पर सफर नहीं करेंगे लेकिन बजट के प्रथम पेज में ही 1 लाख 31 हजार रूपयों का प्रावधान निजी सहायक आदि के नये पदों की रचना के लिए किया गया है। उनके पदों की वृद्धि करने के लिए क्या यह कम खर्च कर रहे हैं। इसके बाद 2 लाख 51 हजार रूपयों का प्रावधान संसदीय सचिवों के लिए नई गाड़ियों के लिए किया गया है। मैं इन युवा जनता के प्रतिनिधियों से निवेदन करूंगा कि वह इस प्रकार के अनावश्यक खर्च का विरोध करें। इसके बाद मन्त्रियों की साज-सज्जा पर बंगलों की बात है। आपने खर्च किया है श्री रूक्मिणी रमण प्रतापसिंह के उत्तर में बताया था कि 6 महीनों में 8 लाख रूपया साज-सज्जा पर खर्च किया गया है। मैं समाजवादी भाइयों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जनसंघ घटक के मन्त्रियों से कम खर्च किया है समाजवादी मन्त्रीगण इसके लिए बधाई के पात्र हैं। इसके बाद बजट में 5 करोड़ रूपया मीसा बन्दियों के लिए रखा गया है। यह राशि ऐसे लोगों के लिए रखी गई है जो पहले से ही बहुत इन्कम टेक्स दे रहे है और कई धन्धे कर रहे है ऐसे लोगों के लिए राशि देने की क्या आवश्यकता हैं। शीतला सहाय जी आ गये है। कुछ बातें आपसे भी डाक्टरों के बारे में कह देना चाहता हूं। आपने कहा था कि जूनियर डॉक्टर का भत्ता अगर आप 275 से 500 करेंगे तो उस पर बीस लाख रूपया खर्च हो जायेगा और यह कहा कि 1करोड़ रूपये में 80 अस्पताल चलाये जा सकते हैं और 40 एम्बूलेंस चालू करेंगे। अध्यक्ष महोदय, अगर यह 5 करोड़ रूपयों का सही उपयोग किया जाता तो 4 सौ नये अस्पताल खुल सकते थे और दो सौ एम्बूलेंस भी ले सकते थ। अध्यक्ष महोदय, आज मेडिकल के लड़के जो कि आपके लड़कों के समान है वे अपनी बात कहते हैं आप उनकी बात सुनना नहीं चाहते है। मुझे अध्यक्ष महोदय, बडा दुख है कि जब लड़के स्वास्थय मंत्री जी से मिलने आये तो उन्होंने मिलने से इन्कार कर दिया। ये जो पांच करोड़ रूपया मीसा बन्दियों को न देकर इनको स्टाक फण्ड बढ़ाने के लिए देते तो उचित होता। अभी अध्यक्ष महोदय यहां पर बताया गया कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों पर लाठी चार्ज किया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि यह लाठी चार्ज क्यों किया गया। जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष श्री कुशाभाऊ ठाकरे हैं उन्होंने चुनाव के समय कर्मचारियों से यह वायदा किया था जो भी बकाया किस्तें है केन्द्र के समान मंहगाई भत्ते की वे दी जायेगी। उनका पूरा पेमेंट कर दिया जायगा। इतना ही नहीं आरिफ बेग साहब ने तो यहां तक कह दिया था कि यदि कोई सर्मचारी 10-10 भी बीबियां रखेगा उनको दिलाई जायगी। कर्मचारी 10-10 बीबियां नहीं चाहता वह तो अपना डी. ए. मांग रहा है, जो वायदा आपने किया है उसको निभाने की बात करना चाहिए। अध्यक्ष महोदय, मेरी यह मान्यता है कि यह सरकार व्यापारियों की सरकार हैं। लेकिन इस सरकार ने व्यापारियों से यह वायदा किया था कि सेल्स टेक्स माफ कर दिया जायगा। जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में यह बात कही थी, इनके बड़े बड़े नेताओं ने यह बात कही थी कि हम सेल्स टेक्स माफ कर देंगे। अध्यक्ष महोदय, परसों ही यहां पर केन्द्रीय मन्त्री श्री पटेल साहब आये थे उन्होंने कहा की यदि प्रदेश शासन सेल्स टेक्स समाप्त करना चाहे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि केन्द्र उस राज्य शासन की क्षति पूर्ति करने के लिए तैयार है। अध्यक्ष महोदय, मैं यह पूछना चाहता हूं जब केन्द्रीय शासन देने के लिए तैयार है तो हमारे सखलेचा जी और वित्त मन्त्री को सेल्स टेक्स माफ करने में क्या आपत्ति है ? पर इतना ही नहीं अध्यक्ष महोदय, इस विभाग के लिए और अधिक रूपयों का प्रावधान किया गया है। उड़न दस्ता के लिए प्रावधान मांगा है। अध्यक्ष महोदय, मेरा निवेदन है कि जो करोड़ों रूपया बिक्री कर का बकाया पड़ा हुआ है। उसे शक्ति से क्यों वसूल नहीं करना चाहते हैं। जो बकाया पड़ा हुआ है उसे वसूल किया जाना चाहिए। अध्यक्ष महोदय, इस शासन ने और कोई वायदा तो पूरा नहीं किया है लेकिन एक वायदा जरूर निभाया है। जांच आयोग के गठन करने का इस प्रदेश में कई जांच आयोग चल रहे है। इन पर लाखों रूपया खर्च हो गया है। लाखों रूपया खर्च शासन ने माना है पेट्रोल को छोड़ और जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच हो रही है उनके टी.ए.डी.ए. का तो खर्च ही अलग है जो कि बहुत ज्यादा हो जाता है। इतना ही नहीं अध्यक्ष महोदय जितने भी कलेक्टर और एस.पी. हैं उन सब पर जांच कमीशन बैठै हुए हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही हो रही है 30-40 जबाव उन्हें देना पड़ता हैं तो वे किस तरह से प्रशासन चला सकते हैं - उनको भाग दौड़ करना पड़ती हैं। इसी तरह वहीद खान जो चीफ कन्जरवेटर ऑफ फारेस्ट हैं उनके खिलाफ भी जांच आयोग बैठाया गया है। 66,000 रूपया उनपर खर्च कर रहे हैं।   

 अध्यक्ष महादेय, मध्यप्रदेश शासन ने 22 औद्योगिक केन्द्र स्थापित करने के सम्बन्ध में कहा है कि हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन जो 22 डिप्टी डायरेक्टर नवीन नियुक्त किये गये हैं। वह कोई काम अभी नहीं समझ पा रहे हैं। काम करने की कोई पकड़ उनके हाथ में नहीं आ रही है। यदि आप देखेंगे तो पता चलेगा कि यह जो नियुक्तियां हुई हैं इसमें बड़े-बड़े आई. ए. एस. अधिकारियों के रिश्तेदार आपकों मिलेंगे अथवा जनसंघ घटकों के जो प्रभावशाली व्यक्ति है उनके रिश्तेदार मिलेंगे। इन नियुक्तियों के खिलाफ असिस्टेंट डायरेक्टर्स ने ग्वालियर हायकोर्ट में दायर की थी प्रदेश के उद्योग मन्त्री जी हमारे मुख्य मन्त्री सखलेचा जी हैं वह आगे कार्यवाही न कर सके इसलिए उन अधिकारियों या स्थानांतर उन्होंने रायपुर और बस्तर कर दिया  ताकि वह अपनी रिट के तहत तड़न सकें। अध्यक्ष महोदय, एक तरफ जहां हमारी जनता पार्टी सरकार कहती है कि हम हर एक को स्वतन्त्र अधिकार देंगे। वही जनता के स्वतन्त्र विचार सुनने के लिये भी तैयार नहीं है। उनका स्वतन्त्रता से कोई वास्ता नहीं है। यह पार्टी प्रदर्शनों पर भी अंकुश लगाना चाहती है।
  

 अध्यक्ष महोदय, अभी दो चार दिन पहले की ही बात है, इन्दौर का एक पत्र इन्दौर समाचार’ है जिसने नर्मदा न्यायाधिकरण के मसले पर जनता की भावनाओं को सही रूप में अपने पत्र में प्रस्तुत किया था उनको उसकी सजा दे दी गई। 1 सितम्बर की रात्रि को उनका प्रेस जलवा दिया गया और तोड़फोड़ की गई और उस पर से इस सबका आरोप लगा दिया गया सेक्सरिया कालेज के लड़कों पर। अध्यक्ष महोदय, मैं स्वयं उस संस्था का विद्यार्थी रहा हूं। वहां के विद्यार्थी कभी इस प्रकार की गलत कार्यवाही नहीं करते सही बात तो यह है कि इस घटना में जनसंघी और आर. एस. एस. का हाथ था। वह नहीं चाहते थे कि इन्दौर समाचार इस प्रकार से सही रूप में जनता की भावनाओं को प्रदर्शित कर सकें और इस कारण उस अखबार की इस प्रकार दुर्दसा कर दी और आरोप सेक्सिरिया कालेज के विद्यार्थियों पर लगा दिया। इतना ही नहीं हर जगह हालत बिगड़ रही है। जगह-जगह गोली चल रही है, लूट मार हो रही है तथा आंतक का वातावरण बना हुआ है। युवा जनता के विधायकों को छोटे-छोटे मसलों पर गिरफ्तार कर लिया गया है। अपराध जनसंघ घटक के लोग करते है पर उनके स्थान पर युवा जनता के लोगों को गिरफ्तार किया जाता है और फिर उनको दो-दो महीने तक छोड़ा नहीं जाता। सखलेचा जी आंतक से शासन चलाना चाहते हैं।
 

सभापति महोदय, विधान सभा के हर बजट में सिक मिलों को पैसा देने के लिए करोड़ों रूपए का प्रावधान रखा जाता है। करोड़ों रूपये इन मिलों को दिये जा चुके है। पर कभी भी इस स्थान में मध्यप्रदेश .............नहीं किया गया। इतना ही नहीं संसद में जनसंघ के सदस्य श्री हुकुमचन्द जी ने यह गंभीर आरोप लगाया है कि केन्द्र के उद्योग मन्त्री जी जार्ज फनीन्डिस ने लाखों रूपये की रिश्वत ली है और उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। हमारे मुख्य मन्त्रीजी कम से कम एक और जांच बैठा लेते, एक और आयोग बैठ जाती जो श्री हुकुमचन्द जी ने इतने गम्भीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है उनकी जांच हो जाती। मेरा मुख्य मन्त्री जी से निवेदन है कि वह इस प्रकरण पर पूरी जांच करवायें। जो भी घपले जनता राज्य के समय हो रहे हैं उनकी जांच शासन द्वारा जानी चाहिये। इसी प्रकार अध्यक्ष महोदय, एक बात और मैं सदन के समक्ष रखना चाहता हूं। 75 लाख रूपये केन्द्र से बन्धक मजदूरी प्रथा को समाप्त करने के लिये मिले ये। उनका क्या हुआ ? ऐसा प्रतीत होता है कि यह शासन बन्धक मजदूर प्रथा को चालू रखना चाहती है। ..... और यही कारण है कि जितने भी इस प्रकार के गरीबों की भलाई के जो नियम कानून और अधिनियम बनाये गये थे इनके द्वारा ..... कर दिये गये। ऐसा प्रतीत होता है कि जनता पार्टी के विधायक और सदस्य यह समझते हैं कि इस प्रकार की बन्धक मजदूर ...... को चालू रखने में ही उनका हित है वह चाहते हैं बन्धुआ मजदूरों की प्रथा चलती रहे। बन्धुआ मजदूरों का कानून समाप्त करने से हरिजनों का, आदिवासियों का बन्धुआ मजदूरों का विश्वास शासन पर से उठ गया है। जो 56 लाख रूपया बन्धुआ मजदूरों के लिये लिया जा रहा है उसके बारे में इस पक्ष के विधायकों को भरोसा नहीं है कि वह सही तरीके से खर्च किया जाये इसके लिये न तो कोई डिटेल्ड योजना बनाई गई है और न यह बताया गया है कि इसको किस तरह से खर्च किया जायेगा।
  

 अध्यक्ष महोदय मैं ज्यादा नहीं कहना चाहता केवल इतना और कहना चाहता हूं कि हमारे माननीय अध्यक्ष महोदय की कामन वेल्थ पार्लियामेन्ट्री के जमाइका में होने वाले वार्षिक सम्मेलन में भाग के लिये विदेश यात्रा हेतु लाखों रूपयों की मांग की गई है। इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि हमारे अध्यक्ष महोदय बार-बार विदेश जायें वहां की पार्लियामेन्ट्री प्रेक्टिस का अध्ययन करें, किन्तु इतना जरूर कहना चाहूंगा कि वे इसके पूर्व भी विदेश गये थे। उपाध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से यह बात उन तक पहुंचाना चाहता हूं कि...........

 उपाध्यक्ष महोदय, : अच्छा हो कि आप ही उन तक पहुंचा दें।

श्री दिग्विजय सिंह : मैं तो चाहता हूं कि आप भी उनके साथ जायें।


श्री श्रीवल्लभ शर्मा : लेकिन माननीय सदस्य दिग्विजय सिंह जी को जरूर ले जायें अपने साथ।


श्री दिग्विजय सिंह : सभापति महोदय, अन्त में मैं इतना ही निवेदन करना चाहता हूं कि यदि सचमुच युवा जनता आदर्श प्रस्तुत करना चाहती है और जो जनता पार्टी ने वादे किये है, उन्हें पूरा कराना चाहती है तो इस अनुपूरक बजट में जो ....... प्रावधान नयी कारें खरीदने के लिये और कुछ नयें सचिवों आदि के पद क्रिएट करने के किये गये हैं, उनका ये विरोध करें। यदि वे इस बजट में संशोधन करवा सकते हैं तो मैं उसका स्वागत करूंगा। मेरा सुझाव है कि 5 करोड़ जो कि मीसा बन्दियों को दिये जाने हैं उनमें से कुछ अंश विधायकों को Parliamantry Practice सीखने के लिये प्रावधान करना चाहिये।