Digvijaya Singh
MENU

9 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण- राजनांदगॉव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सोमनी गॉव में डकैती

9 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण- राजनांदगॉव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सोमनी गॉव में डकैती

(72) दिनांक 9 अप्रैल 1994


ध्यानाकर्षण- राजनांदगॉव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सोमनी गॉव में डकैती।
परिशिष्ट - आठ

राजनांदगांव जिले के सोमनी गांव में डकैती
    सर्वश्री बृजमोहन अग्रवाल, (उदय मुदलियार, धनेश पटिला) :
    अध्यक्ष महोदय,
        मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-
    राजनांदगांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सोमनी गांव में दिनांक 17 मार्च की सुबह तीन से चार बजे के बीच छः सात की संख्या में डकैतों द्वारा सूरजमल जैन के घर में घुसकर लूटपाट की तथा विरोध करने पर सूरजमल जैन की पत्नी श्रीमती अनोजीबाई उम्र 62 वर्ष एवं पुत्र श्री अजय जैन उम्र 27 वर्ष की धारदार हथियारों से मार-मार कर हत्या कर दी। सूरजमल जैन को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिन्हें भिलाई हास्पिटल में भरती किया गया है। डकैतों ने 2 लाख से अधिक मूल्य के सोने के जेवरात लूट लिये डकैतों द्वारा इसी गांव के सतीश वर्मा के घर में भी डकैती डाली गयी। अन्य तीन-चार घरों में भी डकैती डालने की कोशिश की गई। हत्या एवं जघन्य डकैती कांड के अपराधी न पकड़े जाने से राजनांदगांव जिले, रायपुर संभाग के नागरिकों में असंतोष, भय व्याप्त है।

    मुख्यमंत्री (श्री दिग्विज सिंह) : अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 17-3-94 के 6.00 बजे सुबह ग्राम सोमनी के कोतवाल घुआराम ने थाना लालबाग पर सूचना दी कि ग्राम सोमनी के जीवनचंद जैन के घरा रात्रि में डकैती पड़ गई है। 5-6 डकैतों द्वारा मारपीट करने से एक और मौके पर ही मर गई है। और दो आदमी घायल हो गये हैं। इसी सूचना को थाना लालबाग के रो.सा.क्र.-529 पर दर्ज कर थाना प्रभारी उप निरीक्षक श्री पी.सी तिवारी उपलब्ध बल के साथ तत्काल रवाना होकर 6.30 बजे घटना स्थल पर पहुंचे। घटना की सूचना 6.10 बजे पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री आर.के. गांधी राजनांदगांव तत्काल रवाना होकर 6.35 बजे घटना स्थल ग्राम सोमनी पहुंचे। फरियादी जीवनचंद जैन द्वारा थाना प्रभारी लालबाग को रिपोर्ट की कि  उसकी हार्डवेयर व बर्तन कपड़े की दुकान है। दिनांक 16-3-94 को घर के सब लोग खाना खा कर रात्रि करीब 10.00 बजे सौ गये थे। वह दुकान के सामने वाले भाग पर सोया था। तथा उसकी मां अनोपबाई पिता सूरजमल तथा भाई अभय जैन घर के पीछे वाले कमरे में सोये थे। सबेरे करीब 5.00 बजे उसे उसकी पत्नी ने आवाज देकर जगाया। उसने उठकर देखा कि घर के पीछे जाने के रास्ते दरवाजा बाहर से बंद था। उसकी पुत्री सुमता जैन ने छत के ऊपर जाकर दरवाजा खोला। तब उसने अपनी पत्नी के साथ अपने पिताजी वाले कमरे में जाकर देखा कि विस्तर में उसकी मां खून से लथपथ पड़ी थी अभय जमीन के बिस्तर पर खून से लथपथ पड़ा था। तथा पिता जी अपने बिस्तर मे गुमशुम बैठे थे। उनके मुंह में चोटें थी। कमरे का सामान बिखरा पड़ा था। उलमारी में उसे दो सिक्के चांदी के जो लक्ष्मीबाई के चित्र थे। वजनी करीब 10 ग्राम कीमत 90/-रूपये नहीं थे। मां अनेपी बाई की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई है। तथा अभय व पिता जी को गंभीर चोटे आई है। इस रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 0/94 धारा 396 भा.द.वि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। इनका थाना लालबाग में अपराध क्रमांक 60/94 धारा भा.द.वि. पंजीबद्ध है।
    विवेचना के दौरान मृतिका अनेपी बाई का पंचायतनामा  तैयार कर शव परीक्षण हेतु राजनांदगांव शासकीय चिकित्सालय को लाश भेजी गई। घायल सूरजमल जैन एवं अभय जैन को उपचार हेतु जिला अस्पताल राजनांदगांव भेजे गये। उपचार के दौरान अभय जैन की मृत्यु हो गई एवं सूरजमल जैन को जिला अस्पताल भिलाई के सेक्टर -9 अस्पताल के लिये रिफर किया गया। जहां से उपचार के बाद दिनांक 22-3-94 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जो अब ठीक हैं। इसकी मेडीकल परीक्षण में चिकित्सक द्वारा गाल पर बोथरे एवं सख्त हथियार से साधारण चोटे आना लेख किया है। मृतिका अनूपी बाई जैन एवं मृतक अभय जैन की लाशों का पोस्ट मार्टम कराया गया था। दोनों लाशों का शव परीक्षण डॉ. श्रीवास्तव एवं डॉक्टर डी. एस. बग्गी द्वारा दिनांक 17-3-94 को सम्पन्न कर अपनी राय परीक्षण  प्रतिवेदन में दोनों की मृत्यु नुकीले धारदार हथियार से सिर में आई चोटों एवं शाक से होना लेख है।
    यही सही है कि सूरजमल नहीं है कि सूरजमल जैन के घर से डकैतों ने 2 लाख से अधिक मूल्य को सोने चांदी के जेवरात लूटकर ले गये है। बल्कि सही यह है कि डकैतों द्वारा चांदी के दो सिक्के कीमती 90/- रूपये, एक टेप डेक कीमती 1200/-रूपये एक केसेट कीमत 15/-रूपये, 1100/-रूपये नगदी, कुल 2405/-रूपये का माल लूटकर ले गये हैं।
    यह सही है कि उक्त घटना की रात्रि में ही ग्राम सोमनी के सतीश वर्मा के घर में अज्ञात अपराधी 2000/-रूपये नगदी तथा 9000/-रूपये की सोना चांदी के आभूषण चोरी कर ले गये हैं। इसकी रिपोर्ट सतीश वर्मा द्वारा दिनांक 17-3-94 के 7.30 बजे की जाने पर अपराध क्रमांक 61/94 धारा 457, 380 भा.दं.वि के अंतर्गत पंजी कर विवेचना की जा रही है। यह भी सही है कि इसी दिनांक 16-17-3-94 की दरम्यानी रात्रि में ग्राम सोपनी में चोरी करने के अपराधियों द्वारा किये गये प्रयासों के 3 अन्य अपराध घटित हुए है। इस संबंध में अपराध क्रमांक 62/94 धारा 457/511 भा.दं.वि., अपराध क्रमांक 63/94 धारा 457 भा.दं.वि., अपराध क्रमांक 64/94 धारा 457 भा.दं.वि., पंजीबद्ध किये जाकर विवेचना की जा रही है।
    उपरोक्त घटनाओं की विवेचना हेतु दिनांक 17-3-94 को ही एक विशेष टीम नगर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव के नेतृत्व में एक निरीक्षक, चार उप निरीक्षक एक सहायक उप निरीक्षक, छःप्रधान आरक्षकों की गठित की गई है। विवेचना दल द्वारा विवेचना के दौरान प्रकरण सें संबंधित आरोपी भरत, उर्फ भूरू लोधी श्याम लोधी, मंटू उर्फ सपन बंगाली को दिनांक 6-4-94 को 20.00 बजे बन्दी बनाया जाकर इनके आदिपत्य से दो चांदी के सिक्के एवं घटनाओं में इस्तेमाल किये गये हथियार जप्त किये गये है। प्रकरण के अन्य अपराधी मदन गोड एवं शिव उफ शेख रसीद दिनांक घटना से फरार है। इनको बन्दी बनाने का हर संभव प्रयास जारी है।
    यह कहना सही नहीं हैं कि हत्या एवं जघन्य डकैती काण्ड के अपराधी न पकड़े जाने से नागरिकों में असंतोष, भय व्याप्त है। क्षेत्र का जनजीवन सामान्य है।