Digvijaya Singh
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02 मार्च 1982 प्रदेश में संचालित कृषि फार्म एवं उनसे शासन को होने वाले हानि लाभ

02 मार्च 1982 प्रदेश में संचालित कृषि फार्म एवं उनसे शासन को होने वाले हानि लाभ

दिनांक 02.03.1982
प्रदेश में संचालित कृषि फार्म एवं उनसे शासन को होने वाले हानि-लाभ।
कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित कृषि फार्म एवं उनसे शासन को होने वाला लाभ हानि


    5. श्री हुलासराम मनहर : क्या कृषि मंत्री महोदय, यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में कृषि विभाग द्वारा कृषि फार्म संचालित है ? (ख) यदि हां, तो कहां-कहां कितने कृषि फार्म संचालित हैं ? (ग) राज्य के बाबई फार्म में 31 दिसम्बर, 1981 तक प्रतिवर्ष कितना व्यय किया गया हैं ? और उससे प्रतिवर्ष कितना लाभ हुआ ? यदि नहीं, तो लाभ नहीं होने का कारण क्या है ? (घ) क्या राजगढ़ जिले में अमेठी फार्म में विभिन्न फसल का उत्पादन रबी एवं खरीफ के अन्तर्गत किया जाता हैं ? (ङ) यदि हां, तो उक्त फार्म से शासन को दिनांक 31-12-81 तक कितना लाभ हुआ ? और यदि नहीं, तो करण क्या हैं?
 

   (कृषि मंत्री) श्री दिग्विजय सिंह : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘क’’ में दी गई हैं, इसके अलावा 25 फार्म म.प्र. बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा संचालित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि ‘‘ख’’ में दी गई हैं। (घ) जी हां। (ङ) वर्ष 80-81 तक प्रक्षेत्र द्वारा 183427.27 रूपये शासन को लाभ हुआ हैं। 1-4-81 से 31-12-81 तक का लाभ हानि का व्यौरा मार्च, 82 के बाद तैयार किया जावेगा।

    श्री हुलासराम मनहर : उपाध्यक्ष महोदय, मैं यह जानना चाहता हूं कि बाबई में कितने एकड़ जमीन दी गई है और कितने सेक्टर हैं और कौन-कौन सी फसल लगाई जाती है, कितने नलकूप हैं, कौन-कौन सी फसल कौन-कौन से सेक्टर में ली जाती हैं।

    श्री दिग्विजय सिंह : बाबई में जो सरकारी फार्म हैं उसका रकबा 40.45 हेक्टर है उसमें गेहूं, मटर, चना, अलसी, धान, तिल्ली, मूंग, तुंवर और सोयाबीन की फसल ली जाती है।

    श्री हुलासराम मनहर : कितने सेक्टर है ?

    श्री दिग्विजय सिंह : मैं माननीय सदस्य से यह जानना चाहता हूं कि बाबई में 2 फार्म है एक सरकारी है और एक कारपोरेशन का तो वे किससे संबंधित पूछ रहे हैं।

    श्री हुलासराम मनहर : समिति वाला ।

    श्री दिग्विजय सिंह : समिति वाला कोई नहीं है, कारपोरेशन वाला है और सरकारी है। इसमें किसी में सेक्शन का सवाल नहीं है, क्योंकि सब पूरा एक ही हैं।

    श्री विक्रम दुबे : आदरणीय उपाध्यक्ष महोदय, जैसा कि मंत्रीजी ने बताया कि फार्म से 1 लाख 83 हजार 427 रूपये का शासन को लाभ हुआ है, तो ऐसे प्रक्षेत्रों के अधिकारियों को, मैनेजरों को क्या कोई बोनस देने का प्रावधान है ? यदि है, तो शासन को लाभ हुआ है, उसको देखते हुए क्या वहां के मैनेजर्स को बोनस दिया जा चुका है ?

    श्री दिग्विजय सिंह : अभी फिलहाल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन इस पर अवश्य विचार किया जावेगा। 

    श्री हुलासराम मनहर : उपाध्यक्ष महोदय, मैं एक प्रश्न और पूछना चाहता हूं कि जैसा कि मंत्री जी ने बताया है कि 25 फार्म हैं, तो वे कौन-कौन से हैं। 

    श्री दिग्विजय सिंह : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, जो अन्य 25 फार्म हैं वे बीज निगम को हस्तांतरित कर दिये गये है, अगर आप चाहें तो मैं उनके नाम पढ़ दूं।

    उपाध्यक्ष महोदय : कितने की लिस्ट है ?

    श्री दिग्विजय सिंह : 25 की लिस्ट है।

    उपाध्यक्ष महोदय : तब तो रहने दीजिये क्योंकि बहुत समय लग जायगा।

    श्री बृजमोहन माहेश्वरी : मैं यह जानना चाहता हूं कि विदिशा में कुछ भूमि कृषि फार्म की ब्रिटानियां कंपनी को दी थी, लेकिन उसने अभी तक कारखाना नहीं लगाया। वह भूमि किसी दूसरे को दे दी गई लेकिन उसने भी कारखाना नहीं लगाया, तो क्या उस भूमि को वापस लेकर उसपर कृषि कार्य शुरू किया जायगा ?

    श्री बी. आर. यादव : यह प्रश्न से उदभूत सवाल नहीं है। यह रायगढ़ के बाबई से संबंधित सवाल है, इसलिये यह प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

    उपाध्यक्ष महोदय : आप कौन से फार्म के बारे में पूछ रहे हैं ?

    श्री बृजमोहन माहेश्वरी : विदिशा में तो एक ही फार्म हैं।

    श्री बी. आर. यादव : यह जो प्रश्न है मूल में रायगढ़ जिले का हैं, इसलिये इनका सवाल उपस्थित नहीं होता। वे इसके लिये अलग से पूछ लें।

    श्री राधारमण भार्गव : अकेले रायगढ़ से संबंधित है ऐसी बात नहीं है। क्योंकि प्रश्न (क) मैं यह पूछा गया है कि ‘‘मध्यप्रदेश में कृषि फार्म संचालित है’’ तो यह सारे मध्यप्रदेश के बारे में पूछा गया हैं, इसलिये विदिशा के फार्म की बात आ जाती है और प्रश्न पूछा जा सकता है।

    उपाध्यक्ष महोदय : आप इसके लिये अलग से जानकारी मांग लीजिये। क्योंकि आपने डिटेल नहीं पूछा था।

    श्री नन्हेंलाल धुर्वे : उपाध्यक्ष महोदय, जबलपुर.....

    श्री वीरेन्द्रकुमार सखलेचा : उपाध्यक्ष महोदय, आपने दूसरा क्वश्चन कॉल कर लिया लेकिन अभी नं. 5 में आप देखें कि उसमें परिशिष्ट ‘ख’ दिया गया है, उसे देखने की कृपा करें। यह परिशिष्ट प्रश्न से संबंधित नहीं हैं।

    उपाध्यक्ष महोदय : वह पुस्तकालय में रखी है देख लें।

    श्री दिग्विजय सिंह : पुस्तकालय में सूची रखी है।

    श्री नन्हेंलाल धुर्वे : उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से यह जानना चाहता हूं कि जबलपुर में खमरिया और लखनवाड़ा के फार्म में कितना घाटा है और यह कितने वर्षो से चला आ रहा हैं ?

    श्री बी. आर. यादव : यह प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता क्योंकि यह प्रश्न बाबई के बारे में पूछा गया है।

    उपाध्यक्ष महोदय : माननीय सदस्य अपना सवाल अलग से पूछ लें।

    श्री नन्हेंलाल धुर्वे : यह प्रश्न पूरे मध्यप्रदेश के बारे में पूछा गया है तो क्या खमरिया और लखनवाड़ा मध्यप्रदेश के अंदर नहीं आता ?

    उपाध्यक्ष महोदय : अगर आप जानकारी चाहते हैं तो अभी उनके पास इसकी जानकारी नहीं है। आप उनसे अलग से पूछ लें तो वे जानकारी दे देंगे।

    श्री वासुदेव चन्द्राकर : उपाध्यक्ष महोदय, मंत्रीजी ने प्रश्न के उत्तर में जो जानकारी दी है कि वर्ष 1980-81 में प्रक्षेत्र से 1 लाख 83 हजार 427 रूपये और 27 पैसों का शासन को लाभ हुआ।

    माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्रीजी से यह पूछना चाहता हूं कि वर्ष 1980’81 तक का मतलब क्या है ? कितने वर्ष इसमें शामिल हैं और रूपये 1,83,000 का फार्म को जो फायदा हुआ है, वह वर्ष 1980-81 तक का है ?

    श्री दिग्विजय सिंह : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, यह फार्म सन् 1964-65 में स्थापित हुआ था और उससे आज तक जो लाभ हुआ है उसका सबका जोड़ यहां पर दर्शाया गया है।

    उपाध्यक्ष महोदय : प्रश्न क्रमांक 6 श्री कमलापत आर्य।

    श्री रसूल अहमद सिद्दीकी : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, अभी तो यह चल रहा है।

    उपाध्यक्ष महोदय : मैंने प्रश्न क्रमांक 6 पुकारा है। ठीक है आप पूछ लीजिए।

    श्री रसूल अहमद सिद्दीकी : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, प्रश्न क्रमांक 5 में पूछा गया था कि क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में कृषि विभाग द्वारा कृषि फार्म संचालित है। माननीय मंत्रीजी ने जवाब दिया कि ‘‘जी हां’’। मैं जानना चाहता हूं कि किन-किन स्थानों पर यह फार्म संचालित हैं।

    श्री दिग्विजय सिंह : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, इसकी सूची पुस्तकालय में रखी हुई है, सदस्य महोदय वहां जाकर देख लें।

    श्री मोहरसिंह ठाकुर : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरा पूरक प्रश्न ‘‘ख’’ से संबंधित है। मैं विदिशा के कृषि फार्म के बारे में पूछना चाहता हूं कि वहां कितने का नफा हुआ और कितने का नुकसान हुआ हैं ?

    श्री दिग्विजय सिंह : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, यह प्रश्न मैं पढ़कर बतलाता हूं ‘‘क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में कृषि विभाग द्वारा कृषि फार्म संचालित हैं ? (ख) यदि हां, तो कहां-कहां, कितने कृषि फार्म संचालित हैं।’’ उपाध्यक्ष महोदय, प्रश्न में केवल नाम पूछे गए हैं कि फार्म कहां-कहां संचालित हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखी हुई है। (ग) में बाबई फार्म में कितना व्यय हुआ, कितना लाभ हुआ, यह पूछा गया है। उसके बाद (घ) में राजगढ के अमेठी फार्म के बारे में पूछा गया है। परन्तु अब यदि पूरे प्रदेश के हर फार्म के बारे में पूछा जाएगा तो यह बताना संभव नहीं होगा।

    श्री बृजमोहन माहेश्वरी : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, प्रदेश में (बीज निगम) कुल 25 फार्म हैं, क्या उनकी भी जानकारी मंत्रीजी के पास नहीं हैं।

    श्री दिग्विजय सिंह : मैंने प्रश्न से संबंधित फार्म के संबंध में जानकारी दे दी है। परन्तु पूरे प्रदेश के हर फार्म के बारे में बताना संभव नहीं हैं।

    डॉ॰ परशुराम साहू : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न क्रमांक 32 के संबंध में शासन ने उत्तर दिया है कि आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में 125 स्थान रिक्त पड़े हैं। तो मेरा निवेदन है कि इस तरह से इन आयुर्वेदिक महाविद्यालयों को बंद करने का शासन द्वारा षड़यंत्र किया जा रहा है, इसलिये मेरा निवेदन है कि प्रश्न क्रमांक 32 को पहले लिया जाय।

    उपाध्यक्ष महोदय : प्रश्न क्रमांक 25 के संबंध में पूछने की अनुमति मैं कैसे दे सकता हूं। अगर आप जैसे जिम्मेदार सदस्य, इस तरह की प्रतिक्रिया अपनाने के लिए कहेंगे, तो यह बड़े ही खेद की बात होगी।