Digvijaya Singh
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15 सितम्बर 1981 स्थगन प्रस्ताव-होशंगाबाद में सोयाबीन की फसल नष्ट होना

15 सितम्बर 1981 स्थगन प्रस्ताव-होशंगाबाद में सोयाबीन की फसल नष्ट होना

दिनांक 15.09.1981

स्थगन प्रस्ताव- होशंगाबाद में सोयाबीन की फसल नष्ट होना

सभापति महोदय : मेरे पास होशंगाबाद जिले में सोयाबीन की फसल नष्ट होने के संबंधा में श्री मधुकर हर्णे, श्री सत्यनारायण सत्तन तथा श्री ब्रजमोहन माहेश्वरी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है, जिसे मैं पढ़कर सुनाता हूं :-
समय : 12.28
    ‘‘होशंगाबाद जिले में गत् 3 वर्षो के प्रयास से शासन द्वारा सोयाबीन की फसल की बोनी में भारी वृद्धि हुई है। इस वर्ष भी जिला में लगभग 40,000 हैक्टेयर भूमि में सोयाबीन की फसल बोई गई है। हजारों कि्ंवटल बीज एवं खाद शासन द्वारा कृषकों को प्रतिवर्ष वितरित किया जाता है। दुर्भाग्यवश पिछले एक सप्ताह में सोयाबीन की इस लहलहाती फसल पर इल्लियों ने भयानक आक्रमण कर दिया है परिणामस्वरूप हजारों एकड़ों की लहलहाती फसलें सूख रही हैं। मार्गदर्शन के अभाव में कृषक असाह्य रूप से अपनी बर्बादी देख रहा है। कृषि विभाग द्वारा जिस तरह सोयाबीन की बोनी की वृद्धि के लिए जिले में अभियान चलाया गया था उसके विपरीत बर्बादी के इस माहौल में किसान की सहायता के लिए कुछ नहीं किया जा रहा हैं। किसानों में अत्यंत घबराहट एवं गहन चिंता व्याप्त है। अतः सदन की कार्यवाही स्थगित की जाय.’’


इसके संबंध में शासन का क्या कहना है ?
    

कृषि मंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार होशंगाबाद में चालू वर्ष में 49,500 हैक्टर में सोयाबीन बोयी गयी है. जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र अर्थात् लगभग 18 हजार हैक्टर में लीफ फोल्डर इल्ली के प्रकोप की जानकारी प्राप्त हुई है। यह प्रकोप पिछले-56 दिनों से विशेषकर होशंगाबाद, सिवनी मालवा तथा बाबई विकास- खण्डों के कुछ क्षेत्र में एकाएक फैलना शुरू हुआ।
    कृषि विभाग के पास उपलब्ध 45 स्प्रेयस तथा 20 डस्टर्स इल्ली के नियंत्रण के लिये तत्काल प्रभाव से उपयोग में ले लिए गये हैं, निजी कृषकों के पास उपलब्ध डस्टस व स्प्रेयर्स भी इल्ली की रोकथाम के लिये उपयोग में लाये जा रहे हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार अभी तक 5,500 हैक्टर क्षेत्र में उपचार किया जा चुका है। अन्य प्रभावित क्षेत्र में उपचार जारी है।
    प्रभावित क्षेत्र में निजी व्यापारियों के पास लगभग 6 हजार लीटर कीटनाशक दवाइयां उपलब्ध हैं, कृषि उपज मंडी के माध्यम से पराथिओन डस्ट 50 प्रतिशत अनुदान पर कृषकों को वितरित की गई है। मांग के अनुसार अतिरिक्त कीटनाशक दवाइयां भी प्रभावित क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जा रही है।
    उपरोक्त से स्पष्ट होगा कि स्थिति नियंत्रण में है और शासन हर संभव प्रयास कर फसल को बचायेगा और जो भी सहायता इसके लिये आवश्यक होगी वह उपलब्ध करायेगा।
    यह कहना सही नहीं है कि इल्ली को नियंत्रण में लाने के लिये कोई सहायता नहीं दी जा रही या कुछ भी नहीं किया जा रहा है।