Watermark photo on currency Notes
भारत सरकार
विधि और न्याय मंत्रालय (न्याय विभाग)
राज्य सभा अतारांकित प्रश्न सं. 1501 जिसका उत्तर शुक्रवार, 05 दिसम्बर, 2014 को दिया जाना है
विचाराधीन कैदियों के मामलों की समीक्षा हेतु पैनल का गठन
1501. श्री दिग्विजय सिंह :
क्या विधि और न्याय मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
(क) क्या विचाराधीन कैदियों के मामलों की समीक्षा करने हेतु प्रत्येक तीन माह पर बैठक करने के लिए प्रत्येक जिले में जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समीक्षा पैनल का गठन किया जाना था जिसके सदस्य जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक होंगे ताकि जेलों में अत्यधिक भीड़-भाड़ को कम किया जा सके और ऐसे दोषसिद्ध
व्यक्तियों को छोड़ दिया जाए जो अपने विचारण में विलम्ब के कारण लंबे अर्से से मामूली अपराधों के लिए हिरासत में हैं; और
(ख) क्या मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों में इस विषय पर अमल करने के लिए निगरानी समिति का गठन किया है?
उत्तर
विधि और न्याय मंत्री (श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा)
(क): 'कारागार' राज्य का विषय है और जेलों में भीड़भाड़ का समाधान करने के उपाय राज्य सरकारों के कार्यक्षेत्र के भीतर आता है। तथापि, जेलों में भीड़भाड़ के मुद्दे का समाधान करने के लिए 17 जनवरी, 2013 को सभी राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों ने उन्हें यह सलाह देते हुए एक मंत्रणा जारी की गई थी कि वे जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में एक "पुनर्विलोकन समिति" का गठन करे जिसमें जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक सदस्यों के रूप में हो। समिति को प्रत्येक तीन मास में बैठक करनी है और ऐसे विचाराधीन कैदियों (यूटीपी) के जिन्होंने अधिकतम दंडादेश का एक चौथाई से अधिक दंडादेश पूरा कर लिया है, मामलों का पुनर्विलोकन करना है।
Watermark photo on currency Notes
My speech in Rajya Sabha on Motion of Thanks of President’s Address
Digvijaya Singh Remarks The Jammu Kashmir Reservation 2023 and Jammu Kashmir Reorganisation Bill 2023
Aug 07 2024 Rajya Sabha 265 Question Hour- Placement, Training, Employment, PMKVY, Skills
21 जुलाई 2014 मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
Fake currency notes in Surat, Gujarat