Digvijaya Singh
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9 अप्रैल 1994 गरोठ तहसीस के ग्राम पंचायत खजूरी पंच, थाना श्यामगढ़ के दो व्यक्तियों का लापता होना

9 अप्रैल 1994 गरोठ तहसीस के ग्राम पंचायत खजूरी पंच, थाना श्यामगढ़ के दो व्यक्तियों का लापता होना

(73) दिनांक 9 अप्रैल 1994


गरोठ तहसीस के ग्राम पंचायत खजूरी पंच, थाना श्यामगढ़ के दो व्यक्तियों का लापता होना।


परिशिष्ट - नौ

गरोठ तहसील के ग्राम खजूरी में नाबालिग बच्चों की मृत्यु

    श्री थावरचंद गेहलोत, (श्री बाबूलाल गौ) :

    अध्यक्ष महोदय,
        मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-
    गरोठ तहसील के ग्राम खजूरी पंथ थाना श्यामगढ़ के श्यामा पिता दिनेश दर्जी उम्र 6 वर्ष एवं पवन पिता कैलाश सोनी उम्र 7 वर्ष, 3 मार्च को लापता हो गये। पालकों द्वारा श्यामगढ़ पुलिस को रिपोर्ट की गई। पालकों को एक व्यक्ति द्वारा बिना हथियार के पहाड़ी पर बुलाया था। इसकी जानकारी भी पुलिस को दे दी गई थी। पुलिस ने कोई सख्ती नहीं बरती न ही पुलिस हरकत में आई। बाद में दिनांक 6 मार्च को जगदीश धाकड़ जब अपने निर्माणधीन मकान में पहुंचे तो एक ड्रम से दुर्गन्ध आ रही थी एवं मक्खियां भिनभिना रही थी। ग्रामवासियों ने ड्रम का ढक्कन खोला तो उसमें गुमशुदा बच्चों की लाशें पाई गई। एक बच्चे के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे जबकि वह घर से कपड़े पहन कर निकला था ड्रम का ढक्कन इतना पैक नहीं था कि जिससे दम घुट सकता था। इससे अनुमान लगाया जा सकता हैं उन बच्चों की हत्या की गई। पुलिस उक्त घटना को दुर्घटना का स्वरूप देकर अपनी अक्षमता को छिपाने की कोशिश कर रही है अबोध बच्चों की हत्या के अपराधियों को न पकड़े जाने से क्षेत्र में भय रोष व असुरक्षा की भावना व्याप्त है।
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    मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजय सिंह) : अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 5-3-94 को 11 बजे कारूलाल दर्जी निवासी खजूरीपंथ ने थाना शामगढ़ जिला मन्दसौर पर सूचना दी कि दिनांक 3-3-94 की शाम 5-6 बजे उसका पोता श्याम कुमार उम्र 6 वर्ष तथा पडौसी कैलाश का पुत्र पवन कुमार सोनी उम्र 6-7 वर्ष खेलते-खेलते कहीं चले गये। काफी तलाश करने पर भी अभी तक पता नहीं चला है। सूचना पर थाना शामगढ़ में गुमशुदगी क्रमांक 5/94, 6/94 दर्ज कर स. उ. वि. ए. पी. मिश्रा ने जांच प्रारंभ की। घटना की सूचना वितन्तु सन्देश द्वारा डी.सी.आर.बी शाखा मन्दसौर तथा सभी सरहदी थानों को दी गई। दोनों गुम लड़को का पता उठाने के हर संभव प्रयास किये गये। दिनांक 6-3-94 के 14.10 बजे दूरभाष से थाना शामगढ़ में सूचना प्राप्त हुई कि रामचन्द्र धाकड़ के निर्माणाधीन मकान में रखे पानी के ड्रम में लड़कों की लाशें देखी गई है। इस सूचना पर गुमशुदगी की जांच करने वाले स. उ. नि. मिश्रा 15.00 बजे मौके पर पहुंचे और ड्रम में दोनों गुमशुदा बच्चों की लाश मिलने पर जांच प्रारंभ की। जांच के दौरान आसपास के व्यक्तियों से एवं परिवार के सदस्य द्वारा श्याम कुमार एवं पवन कुमार के शव पहिचाने गये। इसी बीच खजूरीपंथ के चौकीदार किशन वागरी द्वारा उपरोक्त संबंध में थाना शामगढ़ में सूचना दर्ज कराने पर दिनांक 6-3-94 को 14.30 बजे मर्ग क्रमांक 4/94, 5/94 दर्ज किया गया। थाना प्रभारी ओ. पी. धाकड़ मन्दसौर क्राईम मीटिंग से 18.30 बजे थाना पर पहुंचे और सूचना मिलने पर उसी समय रवाना होकर 19.15 बजे घटनास्थन पर पहुंचे और स. उ. नि. से जांच अपने जिम्मे लेकर कार्यवाही प्रांरभ की। रात्रि होने से दिनांका 7-3-94 को शवों का पंचायतनामा बनाया गया। मृतक पवन कुमार के शरीर पर एक चड्डी पाई गई तथा उसकी सफेद रंग की कमीज शव निकालने के बाद तलाश करने पर ड्रम के अन्दर मिली । मृतक श्याम कुमार के बदन पर कमीज पजामा पाये गये। दोनों शवों से सडन की बदबू आ रही थी। दोनों के बदन पर कोई जाहिरा चोट नहीं दिख रही थी। दोनों के शव परीक्षण हेतु शासकीय चिकित्सालय शामगढ़ भेजे गये, जहां शवों का परीक्षण डाक्टर एच. सी. व्यास. डॉ. सतसंगी जिला चिकित्सालय मन्दसौर एवं डॉ. के. एल. राठौर प्र. स्वा. केन्द्र शामगढ़ की टीम के द्वारा दिनांक 7-3-94 को 14.30 बजे सम्पन्न किया गया। शव परीक्षण प्रतिवेदनों में चिकित्सक दल द्वारा लाशें सड़ जाने के कारण मृत्यु का कारण स्पष्ट किया जाना संभव नहीं होना लेख किया गया है। दोनों शवों को किसी प्रकार की चोट का निशान नहीं पाया जाना भी लेख किया गया है मृतकों के शव  से बिसरा, लीवर, फेफड़े, स्पलीन किडनी, आदि सुरक्षित रखे गये जो दिनांक 24-3-94 को रसायनिक परीक्षण हेतु एफ. एस. एल. सागर भेजे गये हैं।
    यह सही नहीं हे कि थाना शामगढ़ पर पालकों द्वारा किसी व्यक्ति को पहाड़ी पर बुलाने बावत् कोई रिपोर्ट की गई थी। मर्ग की जांच के दौरान में पालकों द्वारा ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई।
    यह सही नहीं हे कि एक बच्चे के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे। यह भी सही नहीं हैं कि इस घटना से क्षेत्र में रोष व असुरक्षा की भावना व्याप्त है। क्षेत्र में जन-जीवन सामान्य है।
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