Digvijaya Singh
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22 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण- जबलपुर जिले के ग्राम निपानिया में पुलिसकर्मियों द्वारा आतंक

22 अप्रैल 1994 ध्यानाकर्षण- जबलपुर जिले के ग्राम निपानिया में पुलिसकर्मियों द्वारा आतंक

(77) दिनांक 22 अप्रैल 1994

ध्यानाकर्षण- जबलपुर जिले के ग्राम निपानिया में पुलिसकर्मियों द्वारा आतंक मचाना।

परिशिष्ट ‘‘क’’ ‘‘नौ’’

(9) जबलपुर जिले के ग्राम निपनियां में पुलिस कर्मियों द्वारा आंतक मचाना

      सर्व श्री मोती कश्यप (पनागर), (श्री बाबूलाल गौर) : अध्यक्ष महोदय मेरी ध्यानाकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है -
    दिनांक 23 मार्च, 94 को जबलपुर जिले के पनागर थानान्तर्गत ग्राम निपनिया में सहायक निरीक्षक सहित 3 आरक्षकों को ग्राम की महिलाओं एवं युवकों ने मार-मार कर खदेड़ दिया। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप पनागर थाने में की गई रिपोर्ट के आधार पर जीप भरकर पुलिसकर्मी ग्राम में आए और आतंक फैलाया। पुलिस कर्मियों के विरूद्ध ग्रामवासियों की उत्तेजना का कारण यह था कि उक्त सहायक उप निरीक्षक एवं आरक्षक ग्राम निपनिया गये थे और वहां के दुकानदार निर्मलसिंह ठाकुर के मकान में आरक्षक बसंत गुप्ता चुपके से घुस गया और एक पेटी का कुन्दा तोड़कर उसका सामान बिखराया। आवाज सुनकर 16 वर्षीय छात्रा कुमारी मीना ठाकुर कमरे में गई और उसके द्वारा पूछताछ करने पर आरक्षक द्वारा उससे गाली-गलौच की गई। उक्त बालिका पिछवाड़े अपनी बुआ का बताने दौड़ी तो आरक्षक भी पीछे से दौड़ा और डंडा फेंककर मारा। और फिर एक दूसरे आरक्षक ने उसे पकड़कर अधनंगा कर दिया और अभद्र व्यवहार किया। उसके साथ की गई मारपीट में वह बेहोश हो गई। इस घटना स्वरूप बालिका का भाई निर्मल सिंह एवं गांव के महिला-पुरूष दौड़कर आये और उक्त बालिका की स्थिति को देखकर उत्तेजित हो गये और पुलिस को खदेड़ दिया। गांव में आई पुलिस जीप में ग्रामवासियों के आग्रह के बावजूद कुमारी मीना को शासकीय चिकित्सालय पहुचाने से पुलिस वालों द्वारा इन्कार कर दिया गया। तब उसे स्कूटर पर चिकित्सालय पनागर में भर्ती कराया गया और 5-6 घंटे बाद उसे वहां होश आया। पनागर थाने में कुमारी मीना की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पुलिस के इस वहश्यित्मक कृत्य पर जनता में रोष है।

    मुख्यमंत्री (श्री दिग्विजयसिंह) : अध्यक्ष महोदय, प्राप्त जानकारी के अनुसार होली के त्यौहार के परिप्रेक्ष में जिला प्रशासन द्वारा सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिये गये थे कि अवैध शराब संग्रहण एवं विक्रय पर रोक लगाई जाए। इसी तारतम्य में थाना पनागर के सहायक उप निरीक्षक ए. पी. तिवारी दिनांक 23-3-94 को अपने साथ आरक्षक श्यामनंदन (2) बसंत कुमार एवं (3) हरीदास परते के साथ दिनांक 23-3-94 पर 10.40 बजे ग्राम बधोड़ा रवाना हुए थे। मुखबिर की सूचनां मिली कि ग्राम निपनियां में निर्मलसिंह ठाकुर नाजायज शराब बेच रहा है इस पर वे निपनियां ग्राम मोटर साईकल से गए और निर्मलसिंह ठाकुर के मकान पर अवैध शराब की बरामदगी का प्रयास किया। इस पर निर्मल सिंह के समर्थक ग्रामवासियों द्वारा पुलिस पार्टी पर शासकीय कार्य में गति-अवरोध कर उनके साथ अभद्र व्यवहार कर मारपीट भी की गई एवं मोटर सायकल की तोड़फोड़ की गई। पुलिस पार्टी को शंकरसिंह के मकान में रूकना पड़ा उसके पश्चात् सहायक उप निरीक्षक तिवारी द्वारा थाना पनागर में उक्त घटना को अपराध क्रमांक 145/94 धारा 147, 148, 332, 352, 427, 336, 506 बी ता. हि. का. अपराध दिनांक 23-3-94 के 20.30 बजे पंजीबद्ध किया गया, और चारों का मेडिकल परीक्षण कराया गया जिसमें सहायक उप निरीक्षक तिवारी को 3 चोटें, आरक्षक नं. 2264 बसंत कुमार को 3 चोटें, आरक्षक नं. 1094 श्यामनंदन को 4 चोटें एवं आरक्षक 2162 हरीदास परते को एक चोट आई है।
    यह सही नहीं है कि पुलिस द्वारा पनागर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने के आधार पर एक उप निरीक्षक के नेतृत्व में जीप भरकर पुलिस आई, जिसने पुनः आंतक स्थापित करने का प्रयास किया। यह भी सही नहीं है कि आरक्षक बंसत गुप्ता ने निर्मलसिंह के कमरे में रखी पेटी का कुंदा तोड़कर सामान बाहर फेंका । यह सही नहीं है कि आरक्षकों द्वारा 16 वर्षीय छात्रा कुमारी मीना ठाकुर के साथ कोई मारपीट या किसी प्रकार का कोई अभद्र व्यवहार किया गया। सत्य यह है कि कुमारी मीना रेड के दौरान अवैध शराब लेकर दौड़ते हुए गिर गई थी जिससे वह बेहोश हो गई थी, जिसे उसकी मां शान्तीबाई द्वारा इलाज हेतु पनागर सरकारी अस्पताल लाई थी और इलाज कराकर वापस ले गयी थी। गिरने के कारण कुमारी मीना को सिर, पैर हाथ में चोंटे आई। कुमारी मीना का शारीरिक परीक्षण कराया गया जिस पर डॉक्टर ए.बी. रूसिया ने परीक्षण के उपरांत तीन साधारण (सुपर फीसियल) चोटे और वह भी स्वयं की पहुंचाई गई होने का लेख किया है। कुमारी मीना के पिता निर्मलसिंह के विरूद्ध शराब के दो प्रकरण पूर्व में पंजीबद्ध हुए हैं, जिसमें एक थाना पनागर का अपराध क्रमांक 61/92 धारा आबकारी एक्ट एवं दूसरा थाना ओमती का अपराध क्रमांक 40/92 धारा आबकारी एक्ट है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने तुरन्त घटनास्थल पर जाकर ग्रामवासियों की शंकाओं का समाधान करते हुए स्थिति पर नियंत्रण किया और जाँच में अत्यन्त निष्पक्ष वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स. उ. नि. ए. पी. तिवारी को निलंबित कर पुलिस लाईन अटैच किया गया और अग्रिम तत्काल जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु थाना प्रभारी को आदेशित किया गया। ग्राम निपनियां में स्थिति शांतिपूर्ण है। प्रथम दृष्टया अन्य पुलिस कर्मचारियों की गलती न पाये जाने से अभी उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यदि जांच में वे दोषी पाये जाते हैं तब आरोप की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।