रोहन गुप्ता,
‘वाइब्रेंट गुजरात’ के नाम पर वर्तमान प्रधानमंत्री ने गुजरात सी एम् के तौर पर करोडो रुपयों का खर्च किया, बड़े वादे किये, बड़े दावे किये, वह आज भी सिर्फ कागज तक सिमित है | गुजरात की जनता को बिलकुल अन्याय हो रहा है और सिर्फ सरकार के मार्केटिंग के लिए हो रही इस समिट से आम जनता को कोई फायदा नही हो रहा है | आज इसी तरह देश के प्रधानमंत्री पुरे देश में घूम कर हर राज्य में जा कर इसी प्रकार के झूठे वादे कर रहे है |

तब यह बहुत महत्वपूर्ण है के लोगो तक ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के बारह साल के दावो की हकीकत पहोचाई जाए जिससे लोगो की यह मालूम चले के गुजरात बारह साल पहले जैसा था आज भी वैसा ही है | और पिछले बारह साल गुजरात वाइब्रेंट के नाम पर जिस प्रकार सिर्फ ‘पब्लिसिटी’ पर खर्च किया गया है, अब यह पुरे देश में दोहराया जा रहा है | लोगो को यह अहसास होगा की उनके साथ किये गए वादों का भी यही हाल होगा |
‘वाइब्रेंट गुजरात ‘ की कुछ तथ्य :
वाइब्रेंट गुजरात के नाम पर पिछले १२ वर्षो के ४० लाख करोड़ के निवेश के एम् ओ यु किये गए है और सिर्फ २ से २.५ % निवेश हकीकत में हुआ है. आज भी अधिकतर एम् ओ यु सिर्फ कागज़ पर है
किसानो को बिजली कनेक्शन, कपास की योग्य MSP देने के अनेक मुद्दों की उपेक्षा करके वाइब्रेंट उत्सव के पीछे करोड़ो रूपये खर्च और उद्योगपतियो को खैराते कर रही है.

ज्यादातर स्थानिक मध्यम और लघु उद्योग बंध हो रहे है उसके बावजूद उन्हें मदद करने या राहत देने की जगह सरकार बड़े उद्योगपतियो को सभी प्रकार की राहते दे रही है और मदद कर रही है, जिसमे करोडो का भ्रष्टाचार हो रहा है.
राज्य में गरीबी और बेरोजगारी भी बढती जा रही है उसकी ओर ध्यान देने की जगह ऐसे निरर्थक उत्सवो के पीछे सरकार १००० करोड़ का व्यर्थ खर्च कर रही है.

गुजरात सरकार की आर्थिक परिस्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है और राज्य का कर्ज बढ़ रहा है फिर भी बाहर के उद्योपतियो को कोडी के दाम जमीने और टेक्स में राहते दे रही है.
खुद एक गरीब चायवाला होने की सहानुभूति लेकर पीएम बने लेकिन गुजरात की भाजपा सरकार ने वाइब्रेंट समिट की बजह से गांधीनगर और अहमदाबाद के चाय,ठेले और रिक्शावालो को हटा देकर उनकी रोजीरोटी छीन ली है..

गुजरात में दिन ब दिन बढती जा रही लुट-चोरी-हत्या-गेरकानुनी धंधो को रोकने कोई एक्शन नही ले रही सरकार तो आम जनता की सुरक्षा में रहे हजारो पोलिस जवानों को वाइब्रेंट के मेहमानों की सुरक्षा के बंदोबस्त में रखकर आम जनता को राम भरोसे छोड़ दिया है
आम जनता के यातायात के रास्तो को खराब छोड़कर सिर्फ वाइब्रेंट समिट के रूट के रास्तो को नये बनाकर, चमकाकर टेक्स भर रही आम जनता को अन्याय कर रही है..

गुजरात सरकार के कर्मचारियो को फिक्स पगार देकर उनका सरकार शोषण कर रही है और पूरा पगार बजेट की कमी से नही दे रही है लेकिन वाइब्रेंट उत्सव और उसमे समिल्लित उद्योगपतियो को छुट देने के लिए राज्य की तिजोरी खुली छोड़ दी है
इन मुद्दों को सोशियल मिडिया की मदद से आम जनता तक पहुंचाने गुजरात प्रदेश कोंग्रेस आईटी सेल के द्वारा एक मुहीम शुरू की जा रही है और उसमे आप सभी कोंग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओ और समर्थको को इस मुद्दे पर ऑनलाइन आन्दोलन में जुड़ने की बिनती की जा रही है जिस से पुरे देश में १२ साल के वादों की हकीकत पहोचाई जाए
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